लक्ष्मी पूजन
|| ॐ ||
।। ॐ गं गणपतये नमः।।
।। ॐ श्री महालक्ष्मी मातायै नमः।।
धनाकर्षण सामग्री पूजा विधी
लक्ष्मी पूजा शुक्रवार, नवम्बर 1, 2024 पर
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 17:37 से 18:15
अवधि – 00 घण्टे 40 मिनट्स
प्रदोष काल – 17:37 से 20:11
वृषभ काल – 18:21 से 20:15
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त स्थिर लग्न के बिना
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 31, 2024 को 15:53 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – नवम्बर 01, 2024 को 18:17 बजे
चौघड़िया पूजा मुहूर्त
दीवाली लक्ष्मी पूजा के लिये शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त ( चर, लाभ,अमृत ) – 06:34 से 10:41
अपराह्न मुहूर्त ( चर ) – 16:14 से 17:35
अपराह्न मुहूर्त ( शुभ ) – 12:05 से 13:26
सामग्री
लाल/पिले फुल, चंदन, धनाकर्षण सामग्री।
पूजाविधी
- मोरपंख लक्ष्मी पूजन से पहले प्रवेषद्वार के बाहर की तरफ से तोरण समान सेलोटेप से चिपकायें। जिससे हम माॅं लक्ष्मी को घर में आमंत्रित कर रहे है।
- दिये गये सामग्री में गंगाजल, गौमुत्र का छिडकाव कर सामग्री शुद्ध करे।
- भगवान के पास चौरंग या पाट पर लाल रंग का कपडा बिछाए।धनाकर्षण सामग्री में दिया गया है।
- दिये गये सामग्री में लक्ष्मी पोस्टर लाल कपडे पर रखे और सुहागण चुडा चडाये।
- उसपर हल्दी, कुमकुम डाल के अभिमंत्रित करें।
- उसपर सव्वा मुट्ठी पिले चावल रखें। धनाकर्षण सामग्री में दिये गये है।
- एकाक्षी नारियल और लक्ष्मी कौडी को दिया गया अभिमंत्रित मौली धागा बांधे। कौडी, गोमती चक्र और मोती शंख पर चंदन टिका लगाऐं। पिले चावल पर रखे।
- नागकेशर, लाल गुंजा, हकीक पत्थर, लघु नारियल को पिले चावल पर रखे।
- इन सभी सामग्री की लाल/पिले फुल, हल्दी, कुमकुम, चंदन आदी से पुजा करें। केवडा इत्र का इस्तेमाल अनिवार्य है। यह इत्र धनाकर्षण सामग्री में दिया गया हैं
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