आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि
(Ashadh Gupta Navratri)
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#Ashada #Navratri falls in the month of June and July and comes during the hail of monsoon.
#Ashada #Navratri, additionally referred to as Gupt Navratri (mystery or unknown), is found for the duration of the Shukla Paksha of #Ashada month (June-July). It has exquisite importance for Sadhaks (seekers) who exercise Tantra Sadhana (exercise). Sadhaks attempt to please the 10 Mahavidyas (ten knowledge goddess) related to the Tantra exercise. It marks the start of the monsoon. It is likewise referred to as Gayatri or Shakambhari Navratri.
हिंदु पंचांग के अनुसार नवरात्रि पर्व साल में कुल चार बार आते हैं। इसमें से दो नवरात्र को सामान्य (चैत्र व शारदीय ) होती है तो वहीं दो गुप्त ( माघ व आषाढ ) होती है। तांत्रिक पूजा और मनोकामना पूरी करने में वासंतिक/चैत्र और शारदीय / आश्विन मास की नवरात्र की अपेक्षा गुप्त नवरात्र का ज्यादा महत्व माना जाता है।
हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि (Gupta Navaratri) का विशेष महत्व होता है | इस नवरात्रि में तांत्रिक (Tantra Mantra) और सात्विक दोनों प्रकार की पूजा की जाती है | पंचांग के अनुसार हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि (Ashadh Gupta Navratri)शुरू होती है |
इस नवरात्रि में साधक मां आदिशक्ति की दस महाविद्याओं की पूजा गुप्त रूप से करते हैं | मान्यता है कि इस समय विधि-विधान से की गई पूजा से मां दुर्गा की ये दस महाविद्याएं साधक को कार्य सिद्धि प्रदान करती हैं |
गुप्त नवरात्र कि 10 देवियां
गुप्त नवरात्र के दौरान साधक 10 महाविज्ञा कि तंत्र साधना के लिए मां काली, मां तारा देवी, ललिता मां / त्रिपुरा-सुंदरी, मां भुवनेष्वरी देवी, माता छिन्नमस्ता / चित्रमस्ता , मां त्रिपुरा भैरव, मां धूमावती, मां मांतगी , मां कमला, माता बग्लामुखी कि आराधना करते हैं।
गुप्त नवरात्रि के दौरान पूजा करते समय विशेष बातों का ध्यान रखा चाहिए | सुबह और शाम नियमित रूप से मां दुर्गा की पूजा करें और किसी को बिना बताए गुप्त रूप से मां की पूजा की जानी चाहिए |
शुभम भवतु
Astroruchi Dr.Abhiruchi Palsapure (Jain)
Astrologer
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